Friday 11 December 2015

प्रथम विश्वयुद्ध

1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्‍व युद्ध लड़ा गया. इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्वयुद्ध कहते हैं. प्रथम विश्वयुद्ध लगभग 52 महीने तक चला और 

उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था.

द्वितीय विश्वयुद्ध



द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था. लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं इस युद्ध में सम्मलित थीं. इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बंटा हुआ था- मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र.


इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि

Monday 7 December 2015

भूत, चुडैल और डायनों का मेला

आज तक आपने घोडों का मेला, बैलों का मेला, यहां तक कि सांपों के मेले के बारे में सुना होगा। लेकिन एक जगह ऎसी भी है जहां भूतों की मेला लगता है। मिर्जापुर अहरौरा के बरही गांव में बेचुबीर की चौरी पर भूतों का मेला लगता है। इस मेले में इंसानों की नहीं भूत, चुडैल और डायनों का जमावडा लगता है। 



अंधविश्वास का यह खेल सरेआम पुलिसवालों के सामने होता है,

Sunday 6 December 2015

इंसानों की खोपड़ी को यादगार के तौर पर रखा जाता है

अंग्रेजी में इन्हें 'हैड हंटर्स' कहा जाता है. पूर्वात्तर भारत के म्यांमर के दुर्गम इलाकों में ये जनजाति निवास करती है. आज ये जनजाति थोड़ी विकसित हो चुकी है. 
आज इन्हें शिकार का नहीं, बल्कि अफ़ीम की लत लग चुकी है. इनका मुखिया अफ़ीम खा कर पड़ा रहता है. डेलीमेल के मुताबिक इनके क़बीले के 90 फीसदी लोग अफ़ीम का सेवन करते हैं.


 युद्धग्रस्त  इलाका




इस जनजाति के